Wednesday, June 26, 2013

Prayash Sewa Sansthaa contributed with 6 Trucks of relief material to affected area of Uttrakhand

प्रयाश सेवा संस्था सल्ट अल्मोड़ा  द्वारा आपदा पीड़ित क्षेत्रो केदारनाथ, रुद्रप्रयाग और कपकोट के लिए तीसरे चरण की राहत सामग्री कल दिन मैं नोयडा से रवाना की गयी  है, जिसमे करीब १ ५ ० ०  बैग सामग्री तीन ट्रक द्वारा  भिजवाई गयी है  ।  संस्था द्वारा गढ़वाल और कुमाओ क्षेत्र के प्रभावित क्षेत्रो कपकोट , जौलजीवी और मुंश्यारी  मैं  प्रथम और द्वितीय चरण के दौरान तीन ट्रक राहत सामग्री पहले ही पहुचाई  जा चुकी है ।
राहत समग्री के प्रत्येक  बैग मैं २ कम्बल , ५ किलो आटा, ५ किलो चावल २ किलो चीनी, २ किलो दाल, .५ किलो नमक, .५ किलो घी, .५ किलो मसाले, ५० ०ग्राम चाय पत्ती, २ ५ ० ग्राम दूध पाउडर, १० टेबलेट क्रोसिंन, २ कटोरी, २ थाली , १ गिलास, चम्मच, १ छाता, १ पैकेट मोमबत्ती, १ टोर्च
प्रयाश संस्था पूर्व विधायक सल्ट, अल्मोड़ा, रणजीत रावतजी और उनके समस्त उद्यमी साथियों के प्रयासों की सराहना करता है। जिन्होने विपदा की इस घड़ी मैं अपने प्रदेश के लोगो के साथ खड़े रहकर उन तक राहत सामग्री और जरूर्री सामान पहुचने मैं पूर्ण सहयोग दिया । उन्होने बिश्वास दिलाया है की वह प्रभावित क्षेत्रो के लोगो के  लिए हरसंभव प्रयाश करेंगे तथा  राहत सामग्री भिजवाने का कार्य अनवरत जारी रखेंगे ताकी लोगो की जिन्दगी को पटरी पर लाया जा सके । 












प्रयाश सेवा संस्था सल्ट अल्मोड़ा  द्वारा आपदा पीड़ित क्षेत्रो केदारनाथ, रुद्रप्रयाग और कपकोट के लिए तीसरे चरण की राहत सामग्री कल दिन मैं नोयडा से रवाना की गयी  है, जिसमे करीब १ ५ ० ०  बैग सामग्री तीन ट्रक द्वारा  भिजवाई गयी है  ।  संस्था द्वारा गढ़वाल और कुमाओ क्षेत्र के प्रभावित क्षेत्रो कपकोट , जौलजीवी और मुंश्यारी  मैं  प्रथम और द्वितीय चरण के दौरान तीन ट्रक राहत सामग्री पहले ही पहुचाई  जा चुकी है ।
राहत समग्री के प्रत्येक  बैग मैं २ कम्बल , ५ किलो आटा, ५ किलो चावल २ किलो चीनी, २ किलो दाल, .५ किलो नमक, .५ किलो घी, .५ किलो मसाले, ५० ०ग्राम चाय पत्ती, २ ५ ० ग्राम दूध पाउडर, १० टेबलेट क्रोसिंन, २ कटोरी, २ थाली , १ गिलास, चम्मच, १ छाता, १ पैकेट मोमबत्ती, १ टोर्च
प्रयाश संस्था पूर्व विधायक सल्ट, अल्मोड़ा, रणजीत रावतजी और उनके समस्त उद्यमी साथियों के प्रयासों की सराहना करता है। जिन्होने विपदा की इस घड़ी मैं अपने प्रदेश के लोगो के साथ खड़े रहकर उन तक राहत सामग्री और जरूर्री सामान पहुचने मैं पूर्ण सहयोग दिया । उन्होने बिश्वास दिलाया है की वह प्रभावित क्षेत्रो के लोगो के  लिए हरसंभव प्रयाश करेंगे तथा  राहत सामग्री भिजवाने का कार्य अनवरत जारी रखेंगे ताकी लोगो की जिन्दगी को पटरी पर लाया जा सके । 







Monday, June 24, 2013

Uttrakhand Guy who sacrifieced his life to save 100 pilgrims

देहरादून, दिनेश कुकरेती। भीषण आपदा के बीच उत्तराखंड के ग्रामीणों ने जीवटता की मिसाल पेश की है। तबाही के दौरान जब बाहरी प्रदेशों से आए श्रद्धालु अपनी जान बचाने के लिए यहां के गांवों की ओर भागे तो इन लोगों ने अपनी परवाह किए बिना उन्हें अपने हिस्से की रोटी और कपड़े तक दे दिए। अपनी जान जोखिम में डालकर मेहमानों के प्राण बचाए। इसी कोशिश में दीपगांव-फाटा गांव के नौजवान बुद्धि भट्ट ने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। सोन गंगा नदी की लहरों में समाने से पहले इस युवक ने करीब सौ यात्रियों की जान बचाई। पर बचाव कार्य में लगी सरकारी मशीनरी का ध्यान ऐसे ग्रामीणों की तरफ नहीं है।
पोसी चीन बार्डर पर पड़ने वाला रुद्रप्रयाग जिले का अंतिम गांव है। कुछ यात्रियों ने ग्रामीणों की अगुवाई में सोनगांव व गणेशचट्टी की डगर पकड़ी। लेकिन, सोन प्रयाग का पुल बह चुका था, सो पोसी जाना ही ज्यादा माकूल समझा गया। पोसी जाने के लिए एक अस्थायी पुल था, जो बाढ़ की भेंट चढ़ गया। ऐसे में गांव के कुछ नौजवानों ने बल्लियां काटकर कामचलाऊ पुल बनाया और उससे यात्रियों का पार कराने लगे। इन्हीं में 22 वर्षीय युवक बुद्धि भट्ट भी शामिल था। उसने खुद की जान जोखिम में डाल बल्लियों के ऊपर से यही कोई सौ-सवा सौ यात्रियों को पार कराया होगा। इस क्रम वह थक कर चूर हो गया पर उसने अपने हौसले को नहीं टूटने दिया और आखिरी यात्री को उस पार कराकर ही दम लिया। पर नियति को कुछ और मंजूर था। जैसे ही आखिरी यात्री पार हुआ, अचानक बुद्धि का पैर फिसला और सोन गंगा की उफनती लहरों ने उसे लील लिया।

Salute to uttrakhand locals who did all efforts to save life and support startded Pilgrims

Courtesy Young Uttrakhand 
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थिति नंदप्रयाग के पास एक छोटा सा गांव पुरसाड़ी। पांच दिन से 22 परिवारों वाले गांव का दूश्य बदला हुआ है। सड़क के एक ओर टेंट लगाकर बनी रसोई में दस से ज्यादा गांवों की महिलाएं भोजन बनाने में जुटी हैं। इनमें से कई 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलकर यहां पहुंच रही हैं। रसोई में तीन शिफ्ट में दो हजार लोगों के लिए 24 घंटे खाना पकाया जा रहा है। भोजन बदरीनाथ राजमार्ग पर फंसे यात्रियों के लिए है। सिर्फ पुरसाड़ी ही नहीं, खाना 10 किलोमीटर दूर चमोली तक पहुंचाया जा रहा है। वह भी निशुल्क।

दरअसल, मुसीबत की इस घड़ी में पहाड़ का हर घर दुखियारों की मदद में जुटा है। महिलाओं ने घर और खेत के काम छोड़ यात्रियों के लिए खाना बनाने में जुटी हैं। यह धान की रोपाई का वक्त है, लेकिन ग्रामीण में खेतों में जाने की बजाए पीड़ितों के आंसू पोछने निकल पड़े हैं। इसी कड़ी में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास बसे तेफना, सुनाली, राजबगठी, मंगरोली, झूलाबगड़, कंडारा, चमाली समेत दस से 15 गांवों की महिलाओं ने निर्णय लिया कि इस माह धान की रोपाई का काम छोड़ रसोई बनाई जाए। इस निर्णय के बाद शुरू हुआ यात्रियों की सेवा का कार्य। रसोई में प्रशासन के पास पहुंची भारी में मात्रा में जमा खाद्य सामाग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है।

पुरसाड़ी से 12 किलोमीटर दूर राजबगठी गांव से पैदल चलकर भोजन बनाने आई पुरणी देवी बताती हैं कि 'काम तीन शिफ्ट में चल रहा है। एक समूह प्रात: चार बजे नाश्ता तैयार करता है तो दूसरा समूह दस बजे से दोपहर का भोजन तैयार किया जाता है। वहीं तीसरा समूह चार बजे से रात्रि का भोजन तैयार करने में जुट जाता है।'

खाना बनाने में जुटी गौचर निवासी राजेश्वरी नेगी और मंगरोली गांव की कमला देवी बताती हैं कि खाना चमोली तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने अपने खर्च पर एक वाहन किराए पर लिया है। इससे थके मांदे लोगों को समय पर भोजन दिया जा सके।

See Translation

Sunday, June 23, 2013

Know mobile location of missing perosons

28m
Call BSNL toll-free numbers 1503, 09412024365 to find out last active location of BSNL mobiles of missing persons in Uttarakhand.

Locals helped rescued ppl to srurvie serve food and shelter

घनसाली--उन घनसाली के व्यापरियों का तह दिल से धन्यवाद करता हूॅ जिन्होने आपदा के समय भूखे प्यासे लोगों को घनसाली में भण्डारा लगाकर केदारनाथ से लौटे यात्रियों को खाना खिलाया। अभी भी उन लोगों ने निशुल्क भोजन कराने के लिये घनसाली में भण्डारा लगा रखा है। सच्चाई यहा है। यात्रीयों से जब हमने पूछा तो उनका कहना था कि अगर यहा व्यवस्था गुप्तकाशी,या मयाली जैसे इलाकों में होती तो वहां कुछ लोग भूख प्यास से नहीं मरते। आज मेने देखा जब वहा लोग भण्डारा में भोजन कर रहे थे तो उन लोगों के चेहरे से मायूसी थी लेकिन घनसाली में आकर यात्री कुछ साकून महसूस कर रही थे घनसाली में व्यापरियों ने रात के वक्त अपने होटलों में यात्रियों के लिये फ्री यानि निशुल्क कमरे दिये। ऐसे कई लोग थे जिन्होने अपने घर में भी यात्रियों कोखाना खिलाया। और रजाई कम्बल कपड़े दिये जिनके पास कुछ नहीं था किराये के लिये पैसे नहीं थे उनको पैसे तक दिये। में आज उनका धन्यवाद करता हूं। आज भी लोगों के अन्दर मानवता हैं। एक दुकानदार ने मेरे सामने घनसाली में अपनी दुकान से सारी कोल्ड ड्रिंक के सारी बोतल यात्रियों को दे दी। धन्य है। वो लोग।
एक बात जरुर मन में मेरे चुभी कि कुछ यात्री कह रहे। थे कि वहां पर नेपाल के लोग वहां पर लूट मार कर रहे। है यहा बात भी सत्य हैं क्योकिं कई नेपालियों से लैपटाॅप,लाखों रुपये बरामद किये। में उन लोगों से कहना चहताहूॅ कि गढ़वाल में यात्रियों को अतिथि देवां भवं माना जाता है कि कोई भी गढ़वाली इस प्रकार का घिनोना पाप नहीं कर सकता। हां नेपाल के जो लोग आज यहां पर आते हे। उनके लियेसरकार द्वारा पासपोर्ट प्रक्रिया चालू करनी चाहिये। । धन्यवाद टीबी100 संवाददाता घनसाली


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Saturday, June 22, 2013

Politician are coming forward for help and reaching out ppl




पूर्व विधायक सल्ट,अल्मोड़ा, रणजीत रावत जी ने अपने परिचित उद्यमियों, व् कारोबारियों एवम प्रयाश सेवा संस्था, के सहयोग से, आपदा प्रभावित क्षेत्रो के लोगो के लिए राहत सामग्री भिजवाने का प्रबंध किया है। आज प्रातः १ ० बजे, आटे के 1२ ० ० बैग्स ( १ ० किलो प्रत्येक बैग) से भरा ट्रक कपकोट पहुच गया है तथा आज रात को नॉएडा से आपदा सामग्री का एक ट्रक जौलजीवी और १ ट्रक मुन्शयारी के लिए रवाना कर दिया जाएगा । क...ल २ ३ -जून रात को १ ट्रक कपकोट, १ ट्रक केदारनाथ और १ ट्रक रुद्रप्रयाग, के लिए रवाना करने की तयारी की जा रही है । कुमाओं क्षेत्र मैं राहत सामग्री के वितरण का कार्य पूर्व विधायक रानीखेत करन मेहरा, अल्मोड़ा से बिट्टो कर्नाटक, हल्द्वानी से मुकेश मेहरा, प्रहलाद रावत, विशाल नेगी, जगत महर,मनोहर टोलिया राजन तान्ग्रिया, विक्रम रावत व् गड्वाल क्षेत्र मैं वितरण का कार्य युवा कांग्रेस नेता राजपाल बिष्टजी व् उनके सहयोगियों द्वारा किया जाएगा । उन्होने लोगो से भी अपील की है की आगे बढकर प्रदेश की इस आपदा मैं हरसंभव मदद करे ।

5 ० ० पैकेट केदारनाथ
5 ० ० पैकेट रुद्रप्रयाग
5 ० ० पैकेट कपकोट
5 ० ० पैकेट मुंश्यारी
5 ० ० पैकेट जौलजीवी

राहत समग्री बैग मैं २ कम्बल , ५ किलो आटा, ५ किलो चावल २ किलो चीनी, २ किलो दाल, १. किलो नमक,५० ० ग्राम घी, ५० ० ग्राम मसाले, ५० ० ग्राम चाय पत्ती , २ ५ ० ग्राम दूध पाउडर, १० टेबलेट क्रोसिंन, २ कटोरी, २ थाली , १ गिलास, चम्मच छाता, १ पैकेट मोमबत्ती, १ टोर्च ।

उत्तराखण्ड : केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत, अगस्तमुनि मे फसे

3m
उत्तराखण्ड : केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत, अगस्तमुनि मे फसे

District Disaster Control Room Nos

District Disaster Control Room Nos. :
◆Yamnotri - Gangotri - Uttarkasi -0134226461, 9675082336, 7500337269 (09410350338)
◆Kedarnath - Rudraprayag - 01364233727, 01364233610, 01364233995, 9412914875 ( 08859504022)
◆Almora - 05962237874, 9411378137 (09319979850)
◆Pithoragarh - 05964228050, 9412079945 (05964226326)
◆ Haridwar- 01334223999, 9837352202
◆Bageshwar - 05963220197 ( 09411378137)
◆Nainital - 05942231179, 9456714092
◆ Udhamsingh Nagar - 05944250719, 9410376808 (05944250823)
◆Hemkund Sahib - Badrinath - Chamoli - 01372251437,01372253785,9411352136 (01372251077)
◆Tehri Garhwal - 01376233433, 9412076111
◆ Dehradun - Rishikesh - 01352726066, 9760316350, 9412992363 (09412964935)
◆ Pauri Garhwal - 01368221840 (08650922201)
◆Champawat - (05965-230703, 09412347265 )
Note: The numbers in brackets are taken from sites other than official but can be official numbers in themselves.
■Disaster Control Room, Police HeadquarterHelpline NumberTelephone-0135-2717300 Mobile-9411112985
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
■Rescue and Relief Helpline No - 0135 -2718400

Other numbers for rescue & assistance:Uttarakhand: 0135-2710334/ 0135-2710335/ 0135-2710233/ 011-23710362
(0135-2716201, 2710925.)

Specific Rescue numbers:
◆Rudraprayag, Uttarkashi and Chamoli: +919808151240, +919837134399
◆Pauri, Haridwar and Nainital: +91999779124, +919451901023
◆Almora, Bageshwar and Pithoragarh: +919456755206, +919634535758
◆Uttarakhand Disaster Management Secretary: +919837542221
◆Indian Army (Medical): 18001805558/ 18004190282/ 8009833388
◆Army (for pilgrims stranded at Joshimath): 0138922225

List of rescued ppl from Uttrakhand

List of persons transported from harshil to jolligrant airport on 22-6-2013


Rescued ppl on 22-6-2013

Bhupendra sharma Haridwar
Adam Austrelia
Christal Chilli
Neil Israil
Guddi Devi Deharadoon
Kamla Negi Rishikesh
Grab Monika Switzerland
Margret Brosanan USA
David USA
Yuddhvir singh Chauhan Deharadoon
Kamalaa devi 65 Yrs Deharadoon
Sagit Shiran Isareal
Pieter POwel Belguim

Dane Linhi uSA

Cary Bledsoe USA


  List Of Rescued Persons from Kedar Ghati Date 22.06.2013 (updated)
Unidentified Dead Bodies on 21.06.2013 Part 2
Unidentified Dead Bodies
http://uttarakhandpolice.uk.gov.in/contents/listing/4/176-disaster-management

CRPF donates one day’s salary to victims of Uttarakhand flood

CRPF donates one day’s salary to victims of Uttarakhand flood, contributes 18 crores to Prime Minister’s Relief Fund

Friday, June 21, 2013

Govindghat Photos courtesy Anju Kotnala




Source Anju Ktnala प्राकृतिक आपदा के बाद गोविन्दघाट पूरी तरह तबाह हो चुका है....गोविन्दघाट हेमकुंड साहिब जाने के लिए अलकनंदा के ऊपर झूला पूल बह गया....कई होटल और धर्मशालाएं भी अलकनंदा के रौद्र रुप में समा गये....गोविन्दघाट में स्थित गुरुद्वारा भी बाढ की चपेट में आकर तबाह हो गया...आप भी देखिए गोविन्दघाट में बाढ के बाद त्रासदी की तस्वीरें.

उत्तराखंड के लोगो द्वारा मदद

बाहर से आये पर्यटकों और उनके आपदा में फंसने पर पर्वतीय समाज के लोगों ने बेहद समझदारी और हमदर्दी से सहयोग किया है...परन्तु मीडिया के माध्यम से कुछ तत्व जिनमे पर्यटक भी सम्मिलित हैं उत्तराखंड के लोगों की नकरात्मक तश्वीर पेश कर रहे हैं...उदाहरणतः: जब अपने तजुर्बे से हालात की गंभीरता को देखते हुए केदार घाटी के एक पहाड़ के होटल व्यवासी ने पर्यटकों को बारिश में ही होटल खाली करवाया तो उन्होंने देहरादून उतरते ही उस होटल व्यवासी के बारे में खूब खरी-खोटी बतियाई...बाद में पता चला कि बह होटल, आपदा में बहने वाला प्रथम होटल था...उस बेचारे ने अपने तजुर्बे के आधार पर एक तो पर्यटकों को समय रहते निकलवा दिया और उनकी व उनके पुरे परिवार की जान बचवा दी पर इधर उस बेचारे को (पता नहीं जिन्दा भी होगा या नहीं) इन्ही पर्यटकों के द्वारा खूब गाली बकी गयी कि "हमें बच्चों समेत होटल से भरी बारिश में निकलवा दिया गया...आदि-२".....बचाए गए पर्यटकों के बीच दो महिलाओं ने आगे आकर बताया कि कैसे पर्वतों के लोगों ने उनके लिए अपना राशन-पानी खोल दिया कि अब उनके स्वयम के पास भी राशन-तेल ख़त्म हो गया है...इन महिलाओं ने कहा कि "हम तो बच ही गए है...अब पहाड़ों के लोगों की चिंता करो...उन तक राशन-तेल पहुनचावो"....उत्तराखंड के मैदानी समाज के लोगों ने भी पर्यटकों और उनके रिश्तेदारों के लिए जॉली ग्रांट के पास खुला लंगर चलाया हुआ है...जिससे न केवल पर्यटक बल्कि मीडिया कर्मी भी अपनी भूख मिटा रहे हैं....और इतना कुछ करने के बाद भी मीडिया में कोई एक बेईमान चाय-रेस्टोरेंट वाले की कहानी सुर्खी बटोर रही है कि "फंसे हुए पर्यटकों से मुहं-मांगे दाम लिए जा रहे हैं"...सर्वबिदित है कि पहाड़ का आदमी ईश्वर से डरने वाला. ईमानदार और सहायता करने वाला होता है..यह हमारा चरित्रबल है...फिर हम पर ऐसा लांछन क्यूँ लगे...और क्यूँ हम ऐसे लांछन पर नपी-तुली प्रतिक्रिया न दें......!!

10 Development in Uttrakhand disaster (Courtesy NDTV)

  1. Officials say most areas that were inaccessible so far have been accessed by rescuers now. The Indo-Tibetan Border Police (ITBP) said most evacuations should be completed by Sunday. With the Meteorological department's warning of more rain and storms from the 25th, the various agencies on the ground are operating with urgency. (Full coverage)
  2. More than 50,000 people have been rescued in recent days, the government said, with unconfirmed reports of another 14,000 people "missing" - there is no information about their whereabouts. The road between Uttarkashi to Harsil is still not open to traffic due to landslides at a number of places. The Army will today focus on this 74 km stretch. (Trying to find someone? Post info here, we will try to help)
  3. Rescuers found 41 bodies floating in the Ganga at Haridwar on Friday morning.
  4. Uttarakhand spokesman Amit Chandola said nearly 27,000 people have been evacuated from the worst-hit area around the Kedarnath temple, dedicated to Lord Shiva. The temple at the top of the Garhwal Himalayan range has escaped major damage, but the area around is covered in debris.
  5. 9,000 people are awaiting rescue in the holy town of Badrinath. Special trains from Uttarakhand are being organised for survivors. Home Minister Sushil Kumar Shinde will do an aerial survey of the affected areas today.
  6. Agriculture Minister Harak Singh Rawat said, "It will take us at least five years to recover from the extensive damages caused to the entire infrastructure network in the Kedarnath area which is the worst affected". He said of the temple, "The centre of faith has turned into a burial ground. Bodies are scattered in the area."
  7. 55 helicopters are being used in what is the military's largest rescue and relief operation ever. An Mi-26 - the largest helicopter in the world - is being used to fly fuel to smaller choppers, and to airlift equipment needed to clear and repair roads and bridges which were washed away. Two elite teams of Navy divers - each consisting 12 divers - have also been sent to aid in rescue efforts. 16 more will join them today. (10 dramatic pictures of rescue operations)
  8. Two 30-metre-long bridges are being airlifted to Kedarnath and Joshimath. Footage shows people in mountain areas trying to walk to safer ground, aided by soldiers, using ropes to climb down cliffs.
  9. At the airport in Dehradun, the state's capital, angry families waiting for relatives to arrive on rescue helicopters say they are being offered little information and assistance by the government. Lists of people rescued are inaccurate, they say. Residents of the area are helping out by cooking meals and providing them for families who've been waiting at the Jolly Grant Airport for days. (Here's how you can help)
  10. Those who have been rescued share horrifying accounts of the devastation. A man who spoke to NDTV in a hospital in Dehradun said he had lost two members of his family including his young daughter. "No matter how quickly we moved, the mud moved faster," he said.