Sunday, June 23, 2013

Locals helped rescued ppl to srurvie serve food and shelter

घनसाली--उन घनसाली के व्यापरियों का तह दिल से धन्यवाद करता हूॅ जिन्होने आपदा के समय भूखे प्यासे लोगों को घनसाली में भण्डारा लगाकर केदारनाथ से लौटे यात्रियों को खाना खिलाया। अभी भी उन लोगों ने निशुल्क भोजन कराने के लिये घनसाली में भण्डारा लगा रखा है। सच्चाई यहा है। यात्रीयों से जब हमने पूछा तो उनका कहना था कि अगर यहा व्यवस्था गुप्तकाशी,या मयाली जैसे इलाकों में होती तो वहां कुछ लोग भूख प्यास से नहीं मरते। आज मेने देखा जब वहा लोग भण्डारा में भोजन कर रहे थे तो उन लोगों के चेहरे से मायूसी थी लेकिन घनसाली में आकर यात्री कुछ साकून महसूस कर रही थे घनसाली में व्यापरियों ने रात के वक्त अपने होटलों में यात्रियों के लिये फ्री यानि निशुल्क कमरे दिये। ऐसे कई लोग थे जिन्होने अपने घर में भी यात्रियों कोखाना खिलाया। और रजाई कम्बल कपड़े दिये जिनके पास कुछ नहीं था किराये के लिये पैसे नहीं थे उनको पैसे तक दिये। में आज उनका धन्यवाद करता हूं। आज भी लोगों के अन्दर मानवता हैं। एक दुकानदार ने मेरे सामने घनसाली में अपनी दुकान से सारी कोल्ड ड्रिंक के सारी बोतल यात्रियों को दे दी। धन्य है। वो लोग।
एक बात जरुर मन में मेरे चुभी कि कुछ यात्री कह रहे। थे कि वहां पर नेपाल के लोग वहां पर लूट मार कर रहे। है यहा बात भी सत्य हैं क्योकिं कई नेपालियों से लैपटाॅप,लाखों रुपये बरामद किये। में उन लोगों से कहना चहताहूॅ कि गढ़वाल में यात्रियों को अतिथि देवां भवं माना जाता है कि कोई भी गढ़वाली इस प्रकार का घिनोना पाप नहीं कर सकता। हां नेपाल के जो लोग आज यहां पर आते हे। उनके लियेसरकार द्वारा पासपोर्ट प्रक्रिया चालू करनी चाहिये। । धन्यवाद टीबी100 संवाददाता घनसाली


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