प्रकृति ने बरपाया कहर, उत्तराखंड में २० से अधिक लोगों की मौत, ५० से अधिक लापता. लगभग ५० हज़ार यात्रियों के फंसने की खबर
देहरादूनरू १७ जून (मनोज इष्टवाल) उत्तराखंड में दो सप्ताह पूर्व ही
पहुंचे मानसून ने यहाँ भयंकर ताबाही मचा डी है. विगत ३ दिनों से लगातार हो
रही मुसलाधार बारिश ने यहाँ का जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है.
राजधानी देहरादून सहित सपूर्ण प्रदेश में मरने वालों की संख्या २० से अधिक
है जबकि ५० से अधिक लापता बताये जा रहे हैं.
सबसे ज्यादा तबाही इस बार
जहाँ केदारघाटी में हुई है वहीँ उत्तरकाशी जनपद में भागीरथी नदी ने इस
वर्ष भी बिकराल रूप धारण कर लिया है. भागीरथी नदी के तट पर बने होटल
जमींदोज हो रहे हैं साथ ही मंदिरों का भी यही है.. यहाँ जानमाल का अभी सही
सही अंदाजा इस लिए भी लगाना मुश्किल है क्योंकि लगातार मुसलाधार बारिश के
चलते बचाव व राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
केदारनाथ के पास रामवाडा
के ऊपर वासुकी ताल में बादल फटने से जहाँ कई लोगों के बहने की खबर है वहीँ
दूसरी ओर ५० अधिक लोगों के लापता होने की खबर है. केदारनाथ घाटी में जहाँ २०
हज़ार से अधिक तीर्थ यात्रियों के फंसने की बात सामने आ रही है वहीँ
बदरीनाथ घाटी में ३० हज़ार से अधिक यात्री फंसे हुए हैं. राहत व बचाव कार्य
के लिए कई दल निकल चुके हैं लेकिन लगातार हो रही बरसात से राहत कार्यों
में व्यवधान आ रहा है.
रुद्रप्रयाग जिले में सबसे ज्यादा मौत होने की
खबर सामने आ रही है. जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के अनुसार लगभग १० लोगों की
मौत होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि ५० लोगों की भागीरथी में बहने और
लापता होने की खबर है.
केदारनाथ जाने के लिए बना पुल पूरी तरह जलमग्न
हो गया है एवं रुद्रप्रयाग में नदी का जल स्तर खतरे के निशाँ से ऊपर बहने
लगा है. जिसके चलते नदी के किनारे की दुकानों में पाणी भर गया है. वही
केदारनाथ स्थित सभी दुकानों में पाणी घुसने के कारण दुकानदार व तीर्थ
यात्रियों ने मंदिर प्रांगण में शरण ले राखी है. दूसरी ओर केदारनाथ से
रुद्रप्रयाग तक जितने भी झूला पुल मंदाकिनी नदी पर बने हैं सभी के टूटने की
खबर है.
दिनों से हो रही इस मुसलाधार बारिश ने जहाँ ८८ वर्ष पुराना
रिकॉर्ड तोड़ दिया है.वहीँ पिछले २४ घंटों में २२० बारिश रिकॉर्ड की गयी
है. चार धाम यात्रा मार्गाे पर हज़ारो तीर्थ यात्री और पर्यटकों के फंसे
होने से उत्तराखंड शासन के हाथ पाँव फूल ह्गाये हैं वहीँ हेमकुंड साहिब के
दर्शन कर लौट रहे क्रिकेटर हरभजन सिंह भी जोशीमठ में फंसे हुए हैं.
प्रकृति ने बरपाया कहर, उत्तराखंड में २० से अधिक लोगों की मौत, ५० से अधिक लापता. लगभग ५० हज़ार यात्रियों के फंसने की खबर
देहरादूनरू १७ जून (मनोज इष्टवाल) उत्तराखंड में दो सप्ताह पूर्व ही पहुंचे मानसून ने यहाँ भयंकर ताबाही मचा डी है. विगत ३ दिनों से लगातार हो रही मुसलाधार बारिश ने यहाँ का जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. राजधानी देहरादून सहित सपूर्ण प्रदेश में मरने वालों की संख्या २० से अधिक है जबकि ५० से अधिक लापता बताये जा रहे हैं.
सबसे ज्यादा तबाही इस बार जहाँ केदारघाटी में हुई है वहीँ उत्तरकाशी जनपद में भागीरथी नदी ने इस वर्ष भी बिकराल रूप धारण कर लिया है. भागीरथी नदी के तट पर बने होटल जमींदोज हो रहे हैं साथ ही मंदिरों का भी यही है.. यहाँ जानमाल का अभी सही सही अंदाजा इस लिए भी लगाना मुश्किल है क्योंकि लगातार मुसलाधार बारिश के चलते बचाव व राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
केदारनाथ के पास रामवाडा के ऊपर वासुकी ताल में बादल फटने से जहाँ कई लोगों के बहने की खबर है वहीँ दूसरी ओर ५० अधिक लोगों के लापता होने की खबर है. केदारनाथ घाटी में जहाँ २० हज़ार से अधिक तीर्थ यात्रियों के फंसने की बात सामने आ रही है वहीँ बदरीनाथ घाटी में ३० हज़ार से अधिक यात्री फंसे हुए हैं. राहत व बचाव कार्य के लिए कई दल निकल चुके हैं लेकिन लगातार हो रही बरसात से राहत कार्यों में व्यवधान आ रहा है.
रुद्रप्रयाग जिले में सबसे ज्यादा मौत होने की खबर सामने आ रही है. जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के अनुसार लगभग १० लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि ५० लोगों की भागीरथी में बहने और लापता होने की खबर है.
केदारनाथ जाने के लिए बना पुल पूरी तरह जलमग्न हो गया है एवं रुद्रप्रयाग में नदी का जल स्तर खतरे के निशाँ से ऊपर बहने लगा है. जिसके चलते नदी के किनारे की दुकानों में पाणी भर गया है. वही केदारनाथ स्थित सभी दुकानों में पाणी घुसने के कारण दुकानदार व तीर्थ यात्रियों ने मंदिर प्रांगण में शरण ले राखी है. दूसरी ओर केदारनाथ से रुद्रप्रयाग तक जितने भी झूला पुल मंदाकिनी नदी पर बने हैं सभी के टूटने की खबर है.
दिनों से हो रही इस मुसलाधार बारिश ने जहाँ ८८ वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है.वहीँ पिछले २४ घंटों में २२० बारिश रिकॉर्ड की गयी है. चार धाम यात्रा मार्गाे पर हज़ारो तीर्थ यात्री और पर्यटकों के फंसे होने से उत्तराखंड शासन के हाथ पाँव फूल ह्गाये हैं वहीँ हेमकुंड साहिब के दर्शन कर लौट रहे क्रिकेटर हरभजन सिंह भी जोशीमठ में फंसे हुए हैं.
देहरादूनरू १७ जून (मनोज इष्टवाल) उत्तराखंड में दो सप्ताह पूर्व ही पहुंचे मानसून ने यहाँ भयंकर ताबाही मचा डी है. विगत ३ दिनों से लगातार हो रही मुसलाधार बारिश ने यहाँ का जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. राजधानी देहरादून सहित सपूर्ण प्रदेश में मरने वालों की संख्या २० से अधिक है जबकि ५० से अधिक लापता बताये जा रहे हैं.
सबसे ज्यादा तबाही इस बार जहाँ केदारघाटी में हुई है वहीँ उत्तरकाशी जनपद में भागीरथी नदी ने इस वर्ष भी बिकराल रूप धारण कर लिया है. भागीरथी नदी के तट पर बने होटल जमींदोज हो रहे हैं साथ ही मंदिरों का भी यही है.. यहाँ जानमाल का अभी सही सही अंदाजा इस लिए भी लगाना मुश्किल है क्योंकि लगातार मुसलाधार बारिश के चलते बचाव व राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
केदारनाथ के पास रामवाडा के ऊपर वासुकी ताल में बादल फटने से जहाँ कई लोगों के बहने की खबर है वहीँ दूसरी ओर ५० अधिक लोगों के लापता होने की खबर है. केदारनाथ घाटी में जहाँ २० हज़ार से अधिक तीर्थ यात्रियों के फंसने की बात सामने आ रही है वहीँ बदरीनाथ घाटी में ३० हज़ार से अधिक यात्री फंसे हुए हैं. राहत व बचाव कार्य के लिए कई दल निकल चुके हैं लेकिन लगातार हो रही बरसात से राहत कार्यों में व्यवधान आ रहा है.
रुद्रप्रयाग जिले में सबसे ज्यादा मौत होने की खबर सामने आ रही है. जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के अनुसार लगभग १० लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि ५० लोगों की भागीरथी में बहने और लापता होने की खबर है.
केदारनाथ जाने के लिए बना पुल पूरी तरह जलमग्न हो गया है एवं रुद्रप्रयाग में नदी का जल स्तर खतरे के निशाँ से ऊपर बहने लगा है. जिसके चलते नदी के किनारे की दुकानों में पाणी भर गया है. वही केदारनाथ स्थित सभी दुकानों में पाणी घुसने के कारण दुकानदार व तीर्थ यात्रियों ने मंदिर प्रांगण में शरण ले राखी है. दूसरी ओर केदारनाथ से रुद्रप्रयाग तक जितने भी झूला पुल मंदाकिनी नदी पर बने हैं सभी के टूटने की खबर है.
दिनों से हो रही इस मुसलाधार बारिश ने जहाँ ८८ वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है.वहीँ पिछले २४ घंटों में २२० बारिश रिकॉर्ड की गयी है. चार धाम यात्रा मार्गाे पर हज़ारो तीर्थ यात्री और पर्यटकों के फंसे होने से उत्तराखंड शासन के हाथ पाँव फूल ह्गाये हैं वहीँ हेमकुंड साहिब के दर्शन कर लौट रहे क्रिकेटर हरभजन सिंह भी जोशीमठ में फंसे हुए हैं.
No comments:
Post a Comment