Monday, June 17, 2013

रामबाड़ा व केदारनाथ में बरपा कहर

रामबाड़ा व केदारनाथ में बरपा कहर
जागरण प्रतिनिधि, रुद्रप्रयाग: गत रात्रि को केदारनाथ व रामबाड़ा में हुई त्रासदी के बाद सोमवार को दूसरे दिन भी मंदाकिनी नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई। इससे जिले के रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर सोनप्रयाग, चंद्रापुरी कस्बे पूरी तरह जलमग्न हो गए। बीस हजार से अधिक लोगों को नदी किनारे से सुरक्षित स्थानों पर शिप्ट किया गया। अब तक बारह झूला पुल व तीन मोटर पुल नदी में समा चुके हैं।
केदारनाथ व रामबाड़ा का संपर्क पूरी तरह कटने से यहां हुई जनहानि का अनुमान नहीं लग पा रहा है। वहीं आज पूरे दिन मौसम खराब होने से पंद्रह हेलीकाप्टर प्रभावित क्षेत्र में उड़ान नहीं भर सके। दो दिन के दौरान भूस्खलन की चपेट में आने से अब तक केदारनाथ में पांच, रामबाड़ा में तीन व भीमबलि में दो लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन ने की है। साथ ही रामबाड़ा में पचास व केदारनाथ में 15 लोगों के लापता होने का समाचार है।
अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया है, जिससे नदी किनारे रह रहे लोगों को प्रशासन ने सतर्क कर दिया। रुद्रप्रयाग, सिल्ली, अगस्तमुनि, विजयनगर, स्यालसौड़, गिवाला, गौरीकुण्ड, तिलबाड़ा, समेत कई स्थानों पर नदी किनारे रह रहे तकरीवन बीस हजार लोगों को प्रशासन के सहयोग से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं गौरीकुंड बाजार का आधा हिस्सा, सोनप्रयाग, चंद्रापुरी, सिल्ली आदि कस्बे पूरी तरह से जलमग्न हो गए। पुलिस कंट्रोल रूम का संपर्क रामबाड़ा व केदारनाथ से पूरी तरह कटा हुआ है। इससे वहां के नुकसान का सही आंकलन नहीं हो पा रहा है। रामबाड़ा व केदारनाथ समेत विभिन्न स्थानों पर तीन सौ से अधिक दुकान व मकान के नदी में बहने की सूचना है। गौरीकुंड में तीन हजार से अधिक यात्री अपनी जान बचाकर गौरी गांव में शरण लिए हुए हैं। यहां यात्रियों की स्थानीय ग्रामीण भोजन आदि की मदद कर रहे हैं। पूरे दिन मौसम खराब होने व लगातार बारिश होने से राहत कार्य शुरू नहीं किया जा सका। सेना व आईटीबीपी की टीमें जिले में पहुंच गई हैं, लेकिन रास्ता ठीक न होने से अभी तक प्रभावित क्षेत्र में नहीं पहुंच पाई हैं। डीएम विजय कुमार ढौड़ियाल ने कहा कि राहत कार्य शुरू करने के लिए मौसम के ठीक होने का इंतजार किया जा रहा है। इसके लिए पंद्रह हेलीकाप्टरों को उड़ान भरने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
पंद्रह पुल बहे, पचास हजार का संपर्क कटा
रुद्रप्रयाग: जिले के पन्द्रह झूला व मोटर पुल भी अलकनंदा व मंदाकिनी नदियों के बढ़े जल स्तर की भेंट चढ़ गए। इन पुलों के बह जाने से जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग पचास हजार से अधिक ग्रामीणों का संपर्क कट गया है।
अक्सर शांत बहने वाली नदियों के जल स्तर में ऐसी बढ़ोत्तरी हुई कि चारों ओर त्राहि त्राहि मच गई। भारी जनहानि होने के साथ ही जिले के कई गांवों के लिए भी मुसीबत बन गई। हिमालयी क्षेत्र में हुई लगातार बारिश से नदियों का जल स्तर इतना बढ़ा कि अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों पर अब तक बारह पैदल पुल एवं तीन वाहनों के पुल बह गए। इसमें पपड़ाडू, संगम, मेदनपुर, सिल्ली, रतूड़ा, कालीमठ, रामबाड़ा, केदारनाथ, कोठगी समेत विभिन्न गांवों को जोड़ने वाले पैदल पुल एवं रुद्रप्रयाग बाईपास पर बने दो मोटर पुल व कुंड का पुल भी इन नदियों की चपेट में आने से ध्वस्त हो गए। रुद्रप्रयाग एवं तिलवाड़ा में दो मोटर पुलों को आंशिक क्षति पहुंची है। पुलों के नदियों में जमीदोंज होने से भरदार, सिलगढ़, बड़मा, तल्लानागपुर, समूचे केदारघाटी के लगभग पचास हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
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(Hindi news from Dainik Jagran, news state Uttarakhand Rudraprayag Desk)

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