Sunday, June 16, 2013

News about disaster

देहरादून/ब्यूरो | अंतिम अपडेट 17 जून 2013 8:24

मानसून ने आते ही गहरे जख्म दिए हैं। पूरे गढ़वाल में रविवार को सुबह से देर रात तक आसमान से आफत बरसती रही। रामबाड़ा में बादल फटने से लगभग 50 लोग लापता हो गए।

बारिश के कारण राज्य में अलग-अलग जगहों पर हुए हादसों में 9 लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक लापता है। रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में हालात बेकाबू दिखे।

रुद्रप्रयाग में रामबाड़ा के पास मंदाकिनी नदी में आए उफान में कुछ लोगों के बहने की सूचना है। नदी का पानी बाजार (रामबाड़ा) में घुस आया है। टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, रामबाड़ा में बादल फटने से करीब 50 लोग लापता हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि बाढ़ में कुछ जवान भी फंस गए, जो पास की पहाड़ी पर चढ़ गए। कुछ लोगों ने उफान में बहने वालों की संख्या 40-50 बताई है। हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

भूस्खलन और मलबा आने से गढ़वाल में चारधाम यात्रा मार्ग समेत कई सड़कें बंद हो गईं। इससे हजारों यात्री जगह-जगह फंस गए हैं। क्रिकेटर हरभजन सिंह भी जोशीमठ में फंस गए थे। उन्हें वहां से निकाल लिया गया है।

चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा रोकी
मार्ग बंद होने और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा रोक दी गई। तीर्थयात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रुकने की अपील की गई है। फंसे यात्रियों को निकालने की कोशिश की जा रही है।

आईटीबीपी की दो टीमें गौरीकुंड और केदारनाथ में यात्रियों की मदद कर रही है। भारी बारिश से सभी नदी-नाले उफना गए। नदियों के बढ़ते जलस्तर ने किनारे रह रहे लोगों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। नदी किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।

खासकर उत्तरकाशी में गंगा भागीरथी, असी गंगा समेत जिले के तमाम गाड गदेरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हरिद्वार में गंगा भी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। मौसम विभाग के मुताबिक जून माह में 24 घंटे में देहरादून में इतनी बारिश पिछले 88 साल में कभी नहीं हुई थी।

कई मार्ग जगह-जगह बंद
rain in uttarakhand

मूसलाधार बारिश के दौरान भूस्खलन और मलबा आने से उत्तरकाशी में कई मार्ग जगह-जगह बंद हो गए हैं। इससे जिले के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर दस हजार से ज्यादा तीर्थयात्री फंसे हैं। इसके अलावा गंगोत्री में चल रहे कथा आयोजन के लिए पहुंचे आठ हजार से अधिक लोग भी वहीं फंस गए हैं।

यहां यमुनोत्री राजमार्ग यमुना पुल, चामी, छटांगा, रानाचट्टी, बाडिया, जंगलचट्टी व असनोलगाड आदि जगहों पर बंद है। गंगोत्री राजमार्ग चिन्यालीसौड़, बड़ेथी, धरासू बैंड, नालूपाणी, बंदरकोट, गंगोरी गरमपानी, भाटुकासौड़, सैंज मनेरी, सुक्की में बंद है।

उत्तरकाशी में शुक्रवार रात से बारिश का सिलसिला जारी रहने से भागीरथी, असी गंगा समेत जिले के तमाम गाड गदेरे उफान पर हैं। यहां बाढ़ जैसे हालात पैदा होते जा रहे हैं। जिला मुख्यालय क्षेत्र के तटवर्ती हिस्सों में कटाव से मकान ढहने लगे हैं।

बाढ़ सुरक्षा कार्य में लगी भारी मशीनें खुद बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। एक दर्जन से अधिक मकानों के नीचे कटाव से इनका ज्यादा समय तक खड़े रह पाना मुश्किल लग रहा है। उजेली में दो भवन और दो मंदिर भागीरथी में समा गए। यमुना नदी में आए उफान से खरादी में पटवारी चौकी बह गई तथा दो होटल खतरे की जद में हैं।

हजारों तीर्थयात्री फंसे
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कंचनगंगा (चमोली) में बदरीनाथ राजमार्ग का तीस मीटर हिस्सा बहने से धाम में दस हजार से अधिक तीर्थयात्री फंस गए हैं। हेमकुंड साहिब तीर्थयात्रा मार्ग पर घांघरिया के पास पैदल मार्ग पर हिमखंड टूटने से तीर्थयात्रा ठप पड़ गई है।

घांघरिया से आधा किमी की दूरी पर लक्ष्मण नदी पर निर्मित पैदल पुल बह गया है। इससे हेमकुंड में दो हजार और घांघरियां में छह हजार से भी अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने बदरीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले वाहनों को सुरक्षित जगहों पर रोक दिया है। बदरीनाथ हाईवे पर कंचन गंगा, लामबगड़, रडांग बैंड और हनुमान चट्टी में भारी मलबा आ गया है।

रुद्रप्रयाग जिले में भी बदरीनाथ और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह मलबा आने और पुश्ता ध्वस्त होने से बाधित हो गए। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी बरसाती गदेरों के उफान में आने से आवाजाही ठप हो गई।
केदारनाथ में लगभग 700 यात्री फंसे हुए हैं। वहीं मोटर मार्ग पर स्थित पड़ावों पर चार हजार यात्री रुके हुए हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगा दी है। ऋषिकेश पुलिस बैरियर को यात्रा रोकने को कहा गया है।

पौड़ी जिले में भी कई स्थानों पर ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद रहने से हजारों यात्री मार्गों पर फंसे रहे। उफान केबाद मंदाकिनी नदी में पेड़ और अन्य सामान के साथ जानवर भी बहते देखे गए। मंदाकिनी में कई छोटे और खाली वाहन भी बह गए हैं।

हरिद्वार में रविवार शाम गंगा खतरे के निशान से ऊपर 294.7 मीटर पर (खतरे का निशान 294 मीटर) पहुंच गई। जिला प्रशासन ने हाईअलर्ट जारी कर दिया है। आसपास की बस्तियों को खाली कराने का काम शुरू कर दिया है।
भारी बारिश से हिल बाईपास मार्ग बंद कर दिया है। हाइवे पर जलभराव और पेड़ गिरने से कई बार जाम लगा।
चारधाम यात्रा रुकने से हरिद्वार में यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। रुड़की के सौत मोहल्ला में सोलानी नदी का पानी घुसने से कई लोग फंसे हुए हैं। पिरान कलियर दरगाह के अंदर जलभराव से इसे जायरीनों के लिए तीन घंटे तक बंद रखा गया।

नौ लोगों की जान गई
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बारिश के दौरान नौ लोगों की जान चली गई। एक व्यक्ति लापता है। देहरादून में शनिवार से लगातार हो रही बारिश एक परिवार पर कहर बनकर टूटी। बारिश में पानी के बहाव के साथ आए पहाड़ी के मलबे ने मिट्ठी बेहड़ी में एक मकान को चपेट में ले लिया। भीतर मौजूद गोरखपुर निवासी परिवार मलबे में दब गया। जब तक मलबा हटाया जाता, तब तक पति-पत्नी और बच्चे की मौत हो गई।

रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में दोपहर बाद भूस्खलन से आए मलबे में दबकर तीन लोगों की मौत हो गई। नौ लोग घायल हो गए। मृतकों व घायलों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। वे यात्री हैं या स्थानीय लोग पता नहीं चल पाया है।

रुद्रप्रयाग में ही केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली में पानी के बहाव में तीन दुकानों के साथ बह गए दो मजदूरों की अस्पताल में मौत हो गई। यहां पांच लोगों को बचा लिया गया। एक घायल व्यक्ति का इलाज चल रहा है।
केदारनाथ राजमार्ग पर बना कुंड पुल भारी बारिश के चलते धंस गया। पुल से एक युवक भी बह गया। टिहरी जिले के लंबगांव में खेत का पुश्ता टूटने से एक बालक मलबे में दब गया। इससे उसकी मौत हो गई।

कई लोगों को सुरक्षित निकाला
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से फिलहाल लगभग एक मीटर नीचे बह रही हैं। हालांकि गौरीकुंड में मंदाकिनी नदी का जल स्तर इतना बढ़ गया है कि घोड़ा पड़ाव के समीप टापू की स्थिति बन आई।

आईटीबीपी और पुलिस की रेस्क्यू टीम ने यहां फंसे 35 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। उधर, श्रीनगर में संगम स्थित पोंडेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना को गए दो साधु और तीन अन्य लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन पानी कम होने का इंतजार कर रहा है।

देहरादून के सहसपुर चोई बस्ती में बारिश के चलते चोरा खाला उफना गया। इससे बनी गन्ने की चरखी में काम करने वाले सात मजदूर फंस गए। पुलिस ने सभी को सुरक्षित निकाल लिया।

दून-दिल्ली हाईवे पर थमे पहिए
हरिद्वार में भारी बारिश से दून-दिल्ली नेशनल हाईवे-58 पर रविवार को वाहनों के पहिए थमे रहे। सुबह से देर शाम तक कई बार हाइवे पर जाम लगा। देर शाम हाईवे को वन-वे किया गया। इस दौरान रुड़की वाया-कलियर और लक्सर के रास्ते वाहन हरिद्वार भेजे गए।

सुबह आठ बजे पतंजलि के समीप पथरी रो में पानी आने से वाहनों की रफ्तार थम गई। एकाएक रो में पानी का बहाव तेज होने से एक घंटे तक वाहन दोनों छोरों पर खड़े रहे। इसके बाद 12.30 बजे बहादाबाद ब्लॉक के सामने शीशम का पेड़ हाइवे पर गिरने से डेढ़ घंटे हाईवे बंद रहा।

इसके बाद ढाई बजे रतमऊ में उफान के चलते सड़क बह गई। इससे हाईवे पर एक घंटे के लिए वाहनों की आवाजाही बंद रही। हाईवे रात आठ बजे एक बार फिर पूरी तरह बंद हो गया है।

गढ़वाल की 123 सड़कें बंद
पर्वतीय जिलों में शनिवार से लगातार हो रही बारिश से गढ़वाल मंडल में सौ से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। इससे सैकड़ों गांवों का जिला और ब्लाक मुख्यालयों से संपर्क कट गया है।

पौड़ी जिले में बारिश से पौड़ी देव प्रयाग, बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग समेत करीब 40 सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे इन मार्गों पर वाहनों का पहिया जाम हो गया है।

लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुलायम सिंह ने बताया कि बारिश से जिले में 40 सड़कें बंद हैं, बंद सड़कों को खोलने की कार्रवाई चल रही है। लोनिवि के गढ़वाल मंडल के मुख्य अभियंता ने बताया कि मंडल में करीब 123 सड़कें बंद होने की सूचना है।

रविवार को दिन तक मिली जानकारी के अनुसार मंडल में पौड़ी जिले में 40, उत्तरकाशी में 16, टिहरी में 17, चमोली में 22, रुद्रप्रयाग में 19, देहरादून में आठ और हरिद्वार में एक सड़क बंद होने की सूचना है।

88 साल का रिकॉर्ड टूटा
देहरादून में जून में बारिश का 88 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। शनिवार सुबह साढ़े आठ से रविवार सुबह साढ़े आठ बजे के बीच 220 मिलीमीटर वर्षा हुई।

रविवार सुबह साढ़े आठ के बाद शाम साढ़े पांच बजे तक 146 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे पहले 28 जून, 1925 को 24 घंटे में 188 मिलीमीटर अधिकतम बारिश हुई थी।

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में देहरादून सहित पूरे प्रदेश में भारी बरसात होने की चेतावनी जारी की है। भारी बरसात से तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

रविवार को अधिकतम तापमान में 12 और न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को अधिकतम पारा 20 और न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

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